राजेंद्र राठौड़ के समर्थक भाजपा से क्यों नाराज हुए ?
2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल राजेंद्र राठौड़ के साथ विधानसभा चुनाव के परिणाम में निराशा हाथ लगने के बाद अब समर्थक इन दिनों संगठन से ही नाराज नजर आ रहे हैं, दरअसल राजस्थान के भाजपा राधामोहन दास अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी की पदाधिकारी की बैठक ले रहे थे इसी दौरान राजेंद्र राठौड़ बैठक छोड़कर बाहर गए तो इस पर राधामोहन अग्रवाल ने जवाब मांगा।
इसको लेकर अब राजेंद्र राठौड़ के समर्थक नाराज नजर आ रहे हैं, हालांकि एक्स पर पोस्ट करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम सभी संगठन से है संगठन हमारे से नहीं है।
लेकिन राठौर के समर्थक का ट्विटर (X ) पर ट्रेंड चलाकर संगठन से नाराज की जाहिर कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति बदली
23 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ तारानगर विधानसभा से विधानसभा चुनाव में उतरे लेकिन यहां से कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया चुनाव जीत गए।
इसके बाद बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान चूरू लोकसभा सीट से राहुल कस्वां का टिकट भाजपा से काटने में राजेंद्र राठौड़ का हाथ रहा।
लेकिन राहुल कस्वां कांग्रेस में शामिल होकर लोकसभा चुनाव जीत गए और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र झांझरिया चुनाव हार गए। इसके बाद भी राजेंद्र राठौड़ पर भाजपा के कई नेताओं से नाराजगी जताई थी और राजस्थान में भाजपा के खराब प्रदर्शन का राजेंद्र राठौड़ को वजह बताया गया।
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राजेंद्र राठौड़ भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं, राजेंद्र 7 बार विधायक रह चुके हैं, नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं।
इधर गोविंद सिंह डोटासरा ने भी राजेंद्र राठौड़ पर भाजपा प्रभारी के दिए गए बयान के बाद कटाक्ष करते हुए कहा कि राजेंद्र राठौड़ का अपमान नहीं करना चाहिए था राजेंद्र राठौड़ भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। और भारतीय जनता पार्टी की बैठकों में जो लोग अब आ रहे हैं 5-7 महीने बाद वह भी नहीं आएंगे।
राधामोहन दास अग्रवाल के बयान के बाद राजेंद्र राठौड़ समर्थक गुट नाराज नजर आ रहा हैं।